Monday, March 28, 2011

Hindi Shayris

मेरी तुम्हारी बात कोइ फ़साना तो हे नहि,
हे भी अगर तो सबको बताना तो हे नहि,
तुम दो फ़रेब् और मे समजु हुन्नर उसको,
इतना भी सादगी क जमाना तो हे नहि !
————————————————————–
तुजसे शिक्वे थे कई अब कोइ फ़रियाद्  नहि,
तुजसे मिलता था कभी वो भी मुज्हे याद नहि !
————————————————————–
लोग कहते हे हमे आदत हे मुस्कुराने की
वो क्या जाने ये भी एक अदा हे गम छुपाने की !!!
————————————————————–
किस लिये मुजसे खफ़ा हे ये बताया भी नहि,
उसने देखा भी और बुलाया भी नहि,
उम्र की धूप मे जल जाओगे ख्वाबोके  बदन,
रन्ज वो पेड हे जिसक कोइ साया भी नहि !
————————————————————–

Thursday, March 3, 2011

कविता

गम को करो Delete,

ख़ुशी को करो Save,

रिश्तों को करो Recharge,

दोस्ती को करो Download,

दुश्मनी को करो Erase,

सच को करो Broadcast,

झूठ को करो Switch Off,

Tension को करो Not Reachable,

प्यार को करो Incoming on,

नफरत को करो Outgoing Off,

Language करो Control,

हंसी को करो Outbox Full,

आंसू को करो Inbox Empty,

गुस्से को करो Hold,

मुस्कान को करो Send,

Help को करो OK,

Self को करो Autolock,

दिल को करो Vibrate,

फिर देखो Life की Ringtone कितनी Polyphonic हो जायेगी

लेखक : मालूम नहीं (किसीको मालूम हो तो बताये)
 
स्त्रोत : फोरवार्देद इ-मेल